WHAT IS COMPUTER? कंप्यूटर क्या है

 

WHAT IS COMPUTER?

कंप्यूटर क्या है?




कम्प्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक उपकरण है जो विभिन्न कार्यों को करने के लिए डिजाइन किया गया है। इसके माध्यम से डेटा और जानकारी को संसाधित, संग्रहित और प्रसंस्करण किया जाता है। यह कई कार्यों को सम्पादित करने में मदद करता है जैसे कि सामान्य बचत खाते, ईमेल, अनुवाद, नेटवर्किंग, वेब ब्राउजिंग, वर्ड प्रोसेसिंग, ग्राफिक्स डिजाइन, वीडियो संपादन और गेमिंग आदि।

कम्प्यूटर हार्डवेयर (जैसे कि संगणक, माउस, कुंजीपटल, मॉनिटर आदि) और सॉफ्टवेयर (जैसे कि ऑपरेटिंग सिस्टम, ऐप्लिकेशन सॉफ्टवेयर, ड्राइवर आदि) से मिलकर बना होता है। यह एक प्रोग्राम द्वारा निर्देशित होता है जिसे समान्यतया संसाधित भाषा जैसे कि कम से कम लेवल का प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (C या C++) या उच्च स्तर के प्रोग्रामिंग लैंग्वेज (जैसे कि जावा या पायथन) में लिखा जाता है।


कम्प्यूटर कई प्रकार के होते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख प्रकार दिए जा रहे हैं:

डेस्कटॉप कम्प्यूटर: ये एक व्यक्तिगत कम्प्यूटर होते हैं जो एक डेस्कटॉप पर रखे जाते हैं। ये सामान्यतया घरों और कार्यालयों में पाए जाते हैं।

लैपटॉप कम्प्यूटर: ये कम्प्यूटर पोर्टेबल होते हैं और उन्हें किसी भी स्थान पर उपयोग किया जा सकता है। ये बैटरी से चलते हैं जो उन्हें अन्य ऊर्जा स्रोतों से आपूर्ति करती हैं।

सर्वर कम्प्यूटर: ये उच्च शक्ति वाले कम्प्यूटर होते हैं जो एक नेटवर्क के संचालन और प्रबंधन के लिए उपयोग किए जाते हैं।

टैबलेट कम्प्यूटर: ये आकार में छोटे होते हैं और स्क्रीन पर स्पष्टता से दिखाई देते हैं। ये लैपटॉप और स्मार्टफोन के बीच का होते हैं।

स्मार्टफोन: ये प्रायः हर व्यक्ति के पास होते हैं और इंटरनेट, ईमेल और एप्लिकेशन्स जैसी अनेक सेवाएं प्रदान करते हैं।

GENERATION OF COMPUTER

कंप्यूटर की पीढ़ी (Computer Generation) का शब्द विशेष रूप से कंप्यूटर के विकास के इतिहास से संबंधित होता है। इसे विभिन्न अवधियों में वर्गीकृत किया जाता है, जिनका उद्देश्य यह होता है कि कंप्यूटर के उन संदर्भों को समझाया जा सके जिनसे वे विकसित हुए हैं और इससे कंप्यूटर के विकास का अध्ययन आसान होता है।

कंप्यूटर की पीढ़ी के प्रकारों को इस प्रकार वर्गीकृत किया जाता है:

पहली पीढ़ी (1940-1950 के दशक): पहले कंप्यूटर विशाल थे और प्रसंस्करण के लिए वैक्यूम ट्यूबों का इस्तेमाल करते थे। वे बहुत महंगे थे, बहुत अधिक बिजली की खपत करते थे, और बहुत अधिक गर्मी उत्पन्न करते थे।

दूसरी पीढ़ी (1950-1960 के दशक): दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटरों में वैक्यूम ट्यूबों के बजाय ट्रांजिस्टर का इस्तेमाल किया गया था। वे छोटे, तेज और अधिक विश्वसनीय थे। मैग्नेटिक कोर मेमोरी के आविष्कार ने कम जगह में अधिक डेटा स्टोर करना संभव बना दिया।

तीसरी पीढ़ी (1960 से 1970 के दशक): कंप्यूटर की तीसरी पीढ़ी में एकीकृत परिपथों का उपयोग किया गया, जिससे और भी अधिक लघुकरण और गति में वृद्धि हुई। उन्होंने COBOL और FORTRAN जैसी नई प्रोग्रामिंग लैंग्वेज भी पेश कीं।

चौथी पीढ़ी (1970-1980 के दशक): कंप्यूटर की चौथी पीढ़ी ने माइक्रोप्रोसेसरों का विकास किया, जो एक चिप पर फिट होने के लिए काफी छोटे थे। इससे पर्सनल कंप्यूटर और अन्य छोटे उपकरणों का उत्पादन संभव हो गया।

पांचवीं पीढ़ी (1980-वर्तमान): कंप्यूटर की पांचवीं पीढ़ी को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) और उन्नत प्रोग्रामिंग भाषाओं के विकास की विशेषता है। इस पीढ़ी में सुपरकंप्यूटर और अन्य उच्च-प्रदर्शन कंप्यूटिंग सिस्टम, साथ ही स्मार्ट डिवाइस और अन्य एआई-संचालित प्रौद्योगिकियां शामिल हैं।



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